मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं ,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।
मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं ,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।