Meri diwanagi ki koi had nahi love shayari

Meri diwanagi ki koi had nahi

मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं ,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।

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